Delhi NCR Old Car Ban 2025: को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कार मालिकों को बड़ी राहत दी है अब दिल्ली-NCR में 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों के मालिकों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं होगी 12 अगस्त 2025 को MC मेहता केस की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने यह अंतरिम आदेश पारित किया।
इस फैसले से लाखों वाहन मालिकों को राहत मिली है जो 2018 के आदेश के बाद से चिंतित थे उस आदेश में प्रदूषण नियंत्रण के लिए पुराने वाहनों पर बैन लगाया गया था दिल्ली सरकार ने इस आदेश की समीक्षा की मांग की क्योंकि यह किसी वैज्ञानिक अध्ययन या पर्यावरणीय रिपोर्ट पर आधारित नहीं था।
कोर्ट ने सुनवाई में कहा कि पहले लोग कारों का इस्तेमाल 40-50 साल तक करते थे और आज भी विंटेज कारें मौजूद हैं इसलिए सिर्फ उम्र के आधार पर वाहन जब्त करना उचित नहीं है हाल ही में दिल्ली सरकार ने 1 जुलाई 2025 से एंड ऑफ लाइफ गाड़ियों को पेट्रोल-डीजल देने पर रोक का आदेश जारी किया था लेकिन विरोध के बाद इसे वापस लेना पड़ा अब अगली सुनवाई 4 हफ्ते बाद होगी।
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Delhi NCR Old Car Ban 2025
दिल्ली-NCR के लाखों वाहन मालिकों के लिए सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश बड़ी राहत लेकर आया है कोर्ट ने कहा कि 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों के मालिकों के खिलाफ किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी यह फैसला 12 अगस्त 2025 को MC मेहता बनाम भारत संघ मामले की सुनवाई के दौरान आया।
अदालत ने स्पष्ट किया कि यह आदेश अंतरिम रूप से लागू रहेगा और अगली सुनवाई तक कोई वाहन जब्त नहीं होगा इस फैसले के बाद उन कार मालिकों को बड़ी राहत मिली है जो अपने पुराने वाहनों को सुरक्षित रखना चाहते हैं।

दिल्ली सरकार ने मांगी 2018 आदेश की समीक्षा
दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से 2018 के आदेश की समीक्षा करने की अपील की जिसमें 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों पर बैन लगाया गया था सरकार का कहना था कि यह नियम किसी वैज्ञानिक अध्ययन या पर्यावरणीय प्रभाव रिपोर्ट पर आधारित नहीं है और केवल गाड़ी की उम्र देखकर कार्रवाई करना उचित नहीं है।
इस नियम से कई ऐसे वाहन प्रभावित होते हैं जो कम चलते हैं और अब भी तकनीकी रूप से फिट हैं सरकार ने तर्क दिया कि यह बैन लोगों पर अनावश्यक वित्तीय बोझ डालता है और व्यावहारिक रूप से भी इसे लागू करना मुश्किल है।

जजों की जबाब ने बढ़ाई उम्मीदें
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सुनवाई के दौरान जबाब की कि पहले लोग कारों का इस्तेमाल 40-50 साल तक करते थे और आज भी सड़कों पर विंटेज कारें मौजूद हैं ऐसे में सिर्फ गाड़ी की उम्र के आधार पर उसे सड़क से हटाना या जब्त करना तार्किक नहीं है।
यह टिप्पणी कार प्रेमियों और पुराने वाहन संग्राहकों के लिए बड़ी राहत साबित हुई है कोर्ट ने यह भी माना कि किसी भी कानून या आदेश को लागू करने से पहले उसका वैज्ञानिक और व्यावहारिक मूल्यांकन होना जरूरी है ताकि आम जनता को अनावश्यक परेशानी न हो।
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सॉलिसिटर जनरल ने दिया उदाहरण
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने एक उदाहरण देकर कोर्ट को समझाया कि नियम में बदलाव क्यों जरूरी है। उन्होंने कहा कि अगर उनकी कार 10 साल में सिर्फ 2000 किलोमीटर चली है तो उसे कबाड़ घोषित करना गलत है जबकि कोई टैक्सी 2 साल में 1 लाख किलो
NGT के पुराने आदेश से लेकर मौजूदा स्थिति तक
2015 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने दिल्ली-NCR में 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था जिसे 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दी थी।
हालांकि इस आदेश के लागू होने के बाद से कई वाहन मालिक परेशान थे क्योंकि उनका वाहन तकनीकी रूप से ठीक होते हुए भी सड़क से हटा दिया जाता था हाल ही में दिल्ली सरकार ने 1 जुलाई 2025 से एंड ऑफ लाइफ गाड़ियों को पेट्रोल और डीजल देने पर रोक का आदेश जारी किया था लेकिन जनता के भारी विरोध के बाद इसे वापस लेना पड़ा।
